केंद्र सरकार ने तीन महान पुरुषों को Bharat Ratna 2024 में देने का फैसला किया प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा एक्स पर इसकी जानकारी दी गई। भारत के दो पूर्व प्रधान मंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव,चौधरी चरण सिंह और डॉ. एस. स्वामीनाथन को दिया जाएगा। मोदी सरकार ने 2024 में ही कुछ दिन पहले कर्पूरी ठाकुर और लाल कृष्णा आडवाणी को देने का फैसला किया था। Bharat Ratna 2024 में पांच व्यक्तियों को दिया जायेगा।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को Bharat Ratna 2024 में देने का ऐलान किया आईए जानते हैं उनके राजनेतिक सफर कैसा रहा
चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उनका जन्म 23 दिसंबर 1886 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे और गांधीजी के साथ भागीदार रहे। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।
चौधरी चरण सिंह ने विभाजन के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक मुख्य नेता के रूप में काम किया। उन्होंने 1979 से 1980 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी शासनकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें जनता की कल्याण के लिए कई सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की शुरुआत की गई। उनकी स्मृति में एक स्मारक “चरण सिंह स्मारक” भी बनाया गया है। उनका 29 जुलाई 1990 को निधन हो गया।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पम्पान्ना वेंकटा नरसिम्हा राव के राजनेतिक जीवन के बारे में जिनको मरणोपरांत Bharat Ratna 2024 में दिया जायेगा
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पम्पान्ना वेंकटा नरसिम्हा राव, जिन्हें पी. वी. नरसिम्हा राव के रूप में जाना जाता है, भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत के देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्र प्रदेश के बीदर जिले में हुआ था। नरसिम्हा राव को 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था। प्रधानमंत्री पद की कार्यकाल के दौरान, भारत ने आर्थिक परिवर्तन और उत्थान के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
नरसिम्हा राव जी का देश के लिए योगदान
नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने विशेष रूप से आर्थिक सुधार, विदेशी निवेशों को बढ़ावा देने, और भारतीय अर्थव्यवस्था को ग्लोबल बाजारों में बंदरगाह बनाने के लिए प्रयास किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए विभिन्न आर्थिक सुधार योजनाओं की शुरुआत की, जैसे कि लिबरलीकरण, उद्यमिता को बढ़ावा देना, और बजट नीतियों में सुधार करना। पी. वी. नरसिम्हा राव ने 28 दिसंबर 2004 को हृदय घात के चलते अपनी आखिरी सांस ली।
डॉ. एस. स्वामीनाथन भारतीय राजनीतिज्ञ और किसानों के मसीहा रहे जिनको भारत रत्न देने का फैसला किया
डॉ. एस. स्वामीनाथन भारतीय राजनीतिज्ञ और किसानों के हक के प्रमुख वकील रहे हैं। उनका जन्म 13 जुलाई 1929 को तमिलनाडु के कान्नियाकुमारी जिले में हुआ था। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पढ़ाई की, और फिर वकालत के क्षेत्र में अपनी करियर शुरू की।
किसानों के हित में लड़ी लंबी लड़ाई
डॉ. स्वामीनाथन ने लंबे समय तक किसानों के हित में काम किया। उन्होंने किसानों के अधिकारों और मुद्दों की समझारी की और उनकी आवाज को सुनने में मदद की। उन्होंने अपने जीवन में किसानों के प्रति भागीदारी को महत्वपूर्ण माना और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए कई कदम उठाए। उनका काम किसानों के अधिकारों की रक्षा, उनकी भूमि के लिए न्याय, और समाज में उनकी स्थिति को सुधारने के लिए प्रसिद्ध है।
डॉ. स्वामीनाथन ने अपने जीवन में कई अद्भुत काम किए हैं और उन्हें किसानों के हक के लिए लड़ने वाले एक प्रमुख उदाहरण के रूप में जाना जाता है।
स्वामीनाथन आयोग
“स्वामीनाथन आयोग” का नाम एक आयोग को देने के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि को सुधारना और विकास करना होता है। यह आयोग किसानों के हितों को प्रोत्साहित करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्मित होता है।
स्वामीनाथन आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन, कृषि विपणन, खेती के तकनीकी उन्नति, किसानों के लिए सही मूल्य और उत्पादकता के लिए कदम उठाना होता है। इसके अलावा, यह आयोग कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों, तात्पर्य और योजनाओं की अनुसंधान और विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
स्वामीनाथन आयोग के माध्यम से किसानों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में योजनाओं और योजनाओं की अनुमति दी जाती है, जिनमें उनकी समस्याओं का समाधान और उनके उत्पादकता में वृद्धि किए जाने के लिए विभिन्न सहायता और सुविधाएं उपलब्ध की जाती हैं।
कुल मिलाकर, स्वामीनाथन आयोग किसानों के हितों की रक्षा, कृषि क्षेत्र के विकास को तेजी से बढ़ाने का प्रयास करता है और सरकार को नीतियों में सुधार करने के लिए सलाह देता है।
स्वामीनाथन ने किसानों के हित के लिए कई मुद्दों पर काम किया है। उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:
- किसानों के अधिकारों की रक्षा: स्वामीनाथन ने किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई अदालती मुद्दों में अपनी भूमिका निभाई है और उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ी है।
- कृषि बिमा: वे कृषि बिमा की महत्वपूर्णता को समझते हैं और किसानों को बिमा योजनाओं के लिए जागरूक करने और उन्हें इसके लाभ का उपयोग करने में मदद करते हैं।
- समर्थन मूल्य: उन्होंने किसानों के लिए उचित और न्यायसंगत समर्थन मूल्य की मांग की है ताकि किसान अच्छी कीमत में अपनी उपज बेच सकें।
- कृषि योजनाएं और अनुसंधान: उन्होंने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों, खाद्य सुरक्षा के लिए योजनाओं, और कृषि विपणन में सुधार के लिए अनुसंधान किया है।
- किसानों के लिए शिक्षा: उन्होंने किसानों को बेहतर खेती की प्रक्रिया और तकनीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए योजनाएं संचालित की हैं।
ये कुछ मुख्य मुद्दे हैं जिन पर स्वामीनाथन ने किसानों के हित में काम किया है।